Shayani Ekadashi Vrat Katha | Shayani Ekadashi Katha 2022

Shayani Ekadashi Vrat Katha | Shayani Ekadashi Katha: हरे कृष्णा! यदि आप या आपके घर में कोई शयनी एकादशी का पालन कर रहा है तो यह आर्टिकल जरूर पढ़े क्यूंकि इस आर्टिकल में हम शयनी एकादशी व्रत कथा और शयनी एकादशी व्रत पारण करने का समय के बारे में जानेंगे.

आपको तो पता ही है की हर महीने में 2 एकादशी आती है एक तो शुक्लपक्ष की और दूसरी कृष्णपक्ष की और ऐसे ही साल में 24 एकादशी आती है इन सब एकादशी का नाम और कथा अलग-अलग होते है और ऐसे भी कहते है की जो लोग एकादशी के दिन उस एकादशी की कथा पढता या सुनता है उसे बहुत अच्छा पुण्य प्राप्त होता है. इसलिए आज हम इस आर्टिकल में शयनी एकादशी की व्रत कथा पढ़ेंगे, आप भी शयनी एकादशी के दिन इस कथा को जरूर पढ़े.

शयनी एकादशी आषाढ़ मास की दूसरी एकादशी है और यह एकादशी शुक्लपक्ष में 10 जुलाई 2022 को है, तो याद रहे आप भी इस एकादशी का व्रत निस्वार्थ भाव से जरूर करे और भगवान् श्री कृष्ण की भक्ति प्राप्त करे जिससे अंत समय में आपको भगवतधाम की प्राप्ति हो.

देवशयनी एकादशी से लेकर कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी तक में कोई भी शुभ कार्य नहीं होता और यदि आप कोई शुभ कार्य करने जा रहे है तो आप इस शयनी एकादशी के दिन ही कर सकते है अन्यथा आपको कार्तिक मास में शुक्लपक्ष की देवउठनी एकादशी (4 नवमंबर 2022) तक का इंतज़ार करना होगा.

Shayani Ekadashi Vrat Katha – Shayani Katha 2022

एक बार की बात है युधिष्ठिर महाराज भगवान् श्री कृष्ण जी से शयनी एकादशी के बारे में पूछते है तब भगवान् श्री कृष्ण बताते है की एक बार श्रील नारद मुनि ने ब्रह्मा जी से इस एकादशी के विषय में पूछा था तब ब्रह्मा जी ने कहा की प्राचीन काल में सूर्यवंश में जन्मे मान्धाता एक अत्यंत बलवान और सत्यवादी राजा थे.

मान्धाता के राज्य में सभी जीव प्रसन्न और सुखपूर्वक रहते थे लकिन कुछ बाद विधि के विधान से लगातार तीन वर्षो तक बारिश ना होने के कारण उनके राज्य में अन्न उत्पन नहीं हुआ जिस कारण से लोग बहुत परेशान और दुखी हो गए थे. तब वे सभी लोग राजा मान्धाता के पास आये और कहने लगे की हे राजा आपके साशन में हमे कभी भी किसी प्रकार की पीड़ा और संकट का सामना नहीं करना पड़ा लकिन इस समय हम विचलित हो गए है, कृपया हमारी पीड़ा का निवारण करे.

तब राजा मान्धाता ने कहा की हमारे शास्त्रों में कहा गया है की राजा के किये गए पापकर्म के कारण ही ऐसी स्थति उत्पन्न होती है लकिन मुझे याद ही नहीं की मैंने ऐसा कौन सा अपराद किया है. लकिन फिर भी में अपनी प्रजा के हित के लिए इसका उपाय अवश्य निकलूंगा. फिर राजा मान्धाता अपने सैनिको के साथ वन में प्रस्थान किये और एक दिन वन में उनकी भेट अंगिरा मुनि से हुई तो राजा मान्धाता ने अंगिरा मुनि को प्रणाम किया और अंगिरा मुनि को सारी बाते बताई.

तब अंगिरा मुनि ने राजा मान्धाता से कहे की आपके राज्य में कोई अज्ञानी और अयोग्य व्यक्ति तपश्या कर रहा है और ऐसा करना शास्त्रों के विरुद्ध है, इसलिए आपका सारा राज्य इस पाप को भोग रहा है. फिर राजा ने अंगिरा मुनि से इसका कोई आध्यात्मिक समाधान पूछा तब अंगिरा मुनि बोले की यदि आप और आपकी पूरी प्रजा आषाढ़ मास की शुक्लपक्ष में आने वाली एकादशी का पालन श्रद्धापूर्वक करेंगे तो राज्य में वर्षा, अन्न की उत्पति के साथ-साथ राज्य में सुख शांति भी होगी.

फिर राजा मान्धाता अंगिरा मुनि को नमश्कार करके अपनी राज्य लौट गए और शयनी एकादशी के दिन राजा अपने सपरिवार के साथ और समस्त प्रजा के साथ इस एकादशी का पालन किया. कुछ ही समय में वर्षा हुई और राजा का राज्य सुखपूर्वक जीवन बिताने लग गए.

अब श्री कृष्ण जी युधिष्ठिर महाराज से कहते है की जो भी व्यक्ति मुझे प्रसन्न करने के लिए इच्छुक है और शयनी एकादशी व्रत का पालन जरूर करना चाहिए और इस व्रत के माहात्म्य का श्रद्धापूर्वक श्रवण करने वाले व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते है और अंत में मै स्वयं उसे प्रेम भक्ति प्रदान करता हु.

जो भी व्यक्ति इस एकादशी का पालन करता है उसके भौतिक और आध्यात्मिक जीवन में आने वाली बाधाएं नष्ट हो जाती है. तो आप भी जरूर इस शयनी एकादशी का पालन करे और जायदा से जायदा महा मंत्र (हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे) का जप जरूर करे और भक्तो को संग जरूर करे.

देवशयनी एकादशी कब है?

देवशयनी एकादशी 10 जुलाई 2022 को है.

देवउठनी एकादशी कब है?

देवउठनी एकादशी 4 नवंबर 2022 को है.

शयनी एकादशी व्रत पारण करने का समय क्या है?

शयनी एकादशी व्रत पारण करने का समय अलग अलग location के हिसाब से होता है वैसे राजस्थान का समय 05:41 AM से लेकर 10:15 AM तक है. आप अपने नजदीकी ISKCON Temple से समय पता कर सकते है या फिर आप Vaishnava Calendar का उपयोग कर सकते है.

धन्यवाद, हरे कृष्ण

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Team: HindiGrab.in

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