आपको पता है की नाव का आविष्कार किसने और कब किया अगर नहीं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है क्यूंकि नाव के आविष्कार के बारे में हर किसी को नहीं पता और इसके समन्धित बहुत सारे सवाल भी पूछे जाते है जैसे Steamboat ka aaviskaar kisne kiya और नाव को बनाने की कहानी और बहुत कुछ.
दोस्तों पहले के जामने में सफर करने के लिए इतना या उन्नत परिवहन नहीं था जितना अब है. पहले जब किसी को सफर करना होता था तब या तो पैदल या फिर बेलगाड़ी का इस्तमाल करते थे लकिन जब किसी को कही दूर जगह जाना होता जहा बिच में समुन्द्र हो तो उनके लिए बहुत मुश्किल हो जाता था.
अगर अभी हमे कही दूर जाना होता है तो हम ट्रैन, एयरोप्लेन, या नाव का इस्तमाल करते है लकिन पहले यह सब सुविधा नहीं थी. आज कल के ज़माने में टेक्नोलॉजी इतनी उन्नत हो गयी की इनको किसने बनाया यह किसी को नहीं पता इसलिए आज हम जानेगे की जहाज का आविष्कार किसने और कब किया तो चलिए शुरू करते है.
नाव का आविष्कार किसने किया? – Steamboat Ka Aaviskaar Kisne Kiya
अमेरिका के रहने वाले जॉन फिच ने सन 1787 में नाव में स्टीम इंजन लगा कर नाव का आविष्कार किया था. यह नाव 45 फिट लम्बी थी और इसे डेलावेर नदी में जॉन फिच और उनकी डिज़ाइन असिस्टेंट स्टीवन पगानो द्वारा चलाई गयी थी पहली बार, वैसे इससे पहले नाव चलती थी लकिन उन्हें हाथ से चलानी पड़ती थी, और सन 1787 में जॉन फिच ने नाव में स्टीम इंजन लगा कर सफलतापूर्वक चलाई थी और इसके बाद से स्टीम इंजन बोट चलने लग गयी थी.
स्टीमबोट का आविष्कार करने वाले की कहानी
John Fitch एक अमेरिकन इन्वेंटर, एन्टेर्प्रेनॉर, और इंजीनियर थे इनका जन्म विंडसर, कनेक्टिकट यूनाइटेड स्टेट्स में 21 जन्वरी 1743 में हुआ था. जॉन फिच स्टीम बोट के आविष्कारक से जाने जाते है. बचपन में जॉन फिच ने स्कूल से बहुत कम शिक्षा प्राप्त की लकिन इन्हे घडी बनाने और सही करने का बहुत शौक था, और उन्हें घडी बनानी और घडी को सही करनी भी आता थी लकिन जॉन फिच को यह सब करने की अनुमति नहीं थी.
जॉन फिच ने 29 दिसंबर 1767 में लूसी रॉबर्ट्स नाम की लड़की से शादी की थी और फिर जॉन फिच और लूसी रॉबर्ट्स के एक लड़का और एक लड़की हुई. ऐसे करते करते समय बीतता गया और इस समय में जॉन फिच ने बहुत सारी नौकरी की थी. अब उन्हें कुछ करना था इसलिए जॉन फिच वर्मींस्टर पेनसिलवेनिया में बस गए और उन्होंने स्टीम इंजन से चलने वाली नाव पर काम करना शुरू कर दिया था और बहुत मेहनत बाद उन्होंने सफलतापूर्वक स्टीम इंजन से चलने वाली नाव का आविष्कार कर दिया था.