Kamika Ekadashi 2022 | Kamika Ekadashi Vrat Katha: हरे कृष्ण अगर आप या आपके घर में कोई सावन मास की आने वाली एकादशी का व्रत करने वाले है तो यह आर्टिकल जरूर पढ़े क्यूंकि इस आर्टिकल में हम कामिका एकादशी व्रत कथा के बारे में जानेंगे. यह कामिका एकादशी सावन मास की पहली एकादसी है जो की 24 जुलाई 2022 को है.
सावन मास में आने वाली इस कामिका एकादशी की व्रत कथा ब्रह्मवैवर्त पुराण में वर्णित है, तो चलिए अब हम ब्रह्मवैवर्त पुराण में वर्णित Kamika Ekadashi Vrat Katha को जानते है.
Kamika Ekadashi Vrat Katha – कामिका एकादशी व्रत कथा
युधिष्ठिर महाराज ने श्री कृष्ण जी से कहे: हे भगवान् आपसे मेने देव शयनी एकादशी के बारे में सूना लकिन कृपया करके आप मुझे सावन मास के कृष्णपक्ष में आने वाली एकादसी का वर्णन करे तब भगवान् श्री कृष्ण ने कहा हे धर्मराज सावन के कृष्णपक्ष में आने वाली एकादशी सभी पापो का नाश करने वाली और मणिवांछित फल देने वाली एकादशी नाम कामिका एकादशी है.
पुरातन काल में जगत पिता ब्रह्मा जी से नारद जी ने पूछा सावन के कृष्णपक्ष में आने वाली एकादशी का नाम और महात्मय क्या है? तब ब्रह्मा जी ने कहा हे नारद आपने समस्त ब्रह्माण्ड के हित का प्रसन्न पूछा है इस एकादशी का नाम कामिका एकादशी है और इस कामिका एकादशी व्रत कथा का श्रवण करने मात्र से वाजपेय यज्ञ करने का फल मिलता है, और इस तिथि को भगवान् श्री विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए.
कामिका एकादशी के दिन भगवान् श्री विष्णु जी की पूजा करने से सभी तीर्थ स्नान के फल से भी जायदा फल प्रदान होता है. इस एकादशी व्रत का जो भी पालन करता है उस मनुष्य और उसके साथ-साथ उनके पितरो के भी कष्ट दूर को जाते है, और जिस तरह कमल को पानी स्पर्श नहीं कर सकता उसी प्रकार कामिका एकादशी करने वाली व्यक्तियों को पाप स्पर्श नहीं कर सकता.
इस एकादशी के दिन जो कोई भी तुलसी पत्र भगवान् श्री हरी को अर्पण करता है वह सभी पापो से मुक्त हो जाता है और तुलसी देवी को स्पर्श करने मात्रा से हम पावन हो जाते है और तुलसी जी की प्राथना करने से व्यक्ति रोग मुक्त हो जाता है. इस दिन तुलसी रोपण करने से भगवान् श्री कृष्ण के साथ रहने का सौभाग्य प्राप्त होता है और भगवान् श्री कृष्ण के चरण कमलो पर तुलसी अर्पण करने से भक्ति की प्राप्ति होती है.
एकादशी के दिन तुलसी महारानी को घी का दीपक और प्रणाम करने से उससे प्राप्त होने वाले पुण्य का हिसाब रखने में स्वयं चित्रगुप्त भी असमर्थ है. कामिका एकादशी का व्रत करने से भ्रूण हत्या और ब्रह्म हत्या जैसे महा पापो से भी मुक्ति मिलती है. एकादशी के दिन भगवान् समक्ष जिसका दीपक जलता है उसके पितृ स्वर्ग लोक में स्थित होकर अमृत पान से तृप्त होते है.
हे नारद पाप से भयभीत मनुष्य को इस कामिका एकादशी का व्रत अवशय करना चाहिए और स्वयं प्रभु जी ने भी कहा है की कामिका व्रत से कोई भी जीव कुयोनी में जन्म नहीं लेता. हे नारद में स्वयं श्री हरी की प्रिय तुलसी को सदैव नमश्कार करता हु और एकादशी के दिन इस व्रत कथा का स्वर्ण या पठन करता है उन्हें भी वैकुण्ठ लोक की प्राप्ति होती है.
तो आप भी कामिका एकादशी के व्रत का पालन के साथ साथ इस व्रत कथा का श्रवण जरूर करे, और हरे कृष्ण महामंत्र (हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे) का जायदा से जायदा जप करे. और हो सके तो दिन में जायदातर भगवान् श्री कृष्ण जी की लीलाओ को सुने और भगवान् का ही स्मरण करे, जिससे अंत समय में आपको गोलोक वृन्दावन की प्राप्त होगी.
FAQs
सावन मास में आने वाली एकादशी का नाम क्या है?
सावन मास में आने वाली एकादशी का नाम कामिका एकादशी है.
कामिका एकादशी कब है?
कामिका एकादशी 24 जुलाई 2022 के दिन है.
धन्यवाद, हरे कृष्ण
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Team: HindiGrab.in