Navratri 2021 in Hindi | नवरात्रि मुहूर्त, पूजा विधि, स्थापना सामग्री के बारे में जानने के लिए यह आर्टिकल पूरा पढ़े. जैसा की आपको पता है 7 अक्टूबर 2021 को नवरात्रि शुरू हो रहे है और सभी लोग नवरात्रि पुजन की तैयारिया कर रहे है. हिन्दू पंचांग के अनुसार एक साल में 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है, जिसमे से दो गुप्त नवरात्रि और दो मुख्य नवरात्रि होती है.
भारत में हर साल चैत्र और शारदीय मुख्य नवरात्रि को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इसमें से चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल 2021 से 22 अप्रैल 2021 तक चले थे. इसके बाद शारदीय नवरात्रि आते है जो की गुरूवार 7 अक्टूबर 2021 से शुरू होंगे और शुक्रवार 15 अक्टूबर 2021 तक चलेंगे.
शारदीय नवरात्रि इस बार भी बड़ी धूम धाम से पूरे भारत में मनाया जाएगा. यह नवरात्रि नौ दिन तक चलते है और इन नौ दिनों में माता दुर्गा जी के नौ स्वरुप की पूजा की जाती है.
- पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है.
- दुसरे दिन ब्रह्मचारिणी माता जी की पूजा की जाती है.
- तीसरे दिन चंद्रघंटा माता जी की पूजा की जाती है.
- चौथे दिन कूष्माण्डा माता जी की पूजा की जाती है.
- पांचवे दिन सरस्वती माता जी की पूजा की जाती है.
- छटे दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है.
- सातवे दिन माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है.
- आठवे दिन महागौरी माता जी की पूजा की जाती है.
- नवे दिन नवरात्रि का आखरी दिन होता है इस दिन माँ भवानी जी की पूजा की जाती है.
हमारे हिन्दू धर्म के अनुसार घर में नौ दिनों तक नवरात्रि स्थापित करके माता दुर्गा जी के नौ स्वरुप की पूजा की जाती है, और घर के सदस्य नौ दिनों तक व्रत रखते है जिसमे से केवल दिन में एक बार भोजन करते है. अगर आप भी नवरात्रि स्थापित कर रहे है तो यह आर्टिकल जरुर पढ़े क्यूंकि इस आर्टिकल में हम नवरात्रि मुहूर्त, पूजा विधि, स्थापना सामग्री आदि के बारे में जानेंगे.
Shardiya Navratri 2021 in Hindi – शारदीय नवरात्रि
शारदीय नवरात्रि हर वर्ष आश्विन महीने में अमावस्या के बाद के पहला दिन शुक्ल प्रतिपद के दिन से लेकर शुक्ल दशमी के दिन तक चलते है. इस 2021 के वर्ष के अनुसार शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर 2021 से 15 अक्टूबर 2021 तक चलेंगे. यह नवरात्रि शरद ऋतु में आते है इसलिए इन्हें शारदीय नवरात्रि कहते है. जैसे की हमने आपको पहले बताया है की नवरात्रि में नौ दिन तक माता दुर्गा जी के नौ विभिन्न स्वरुप की पूजा की जाती है.
नवरात्रि घट/कलश स्थापना सामग्री – Navratri Ghat/Kalash Sthapana Samagri
- दुर्गा माता जी की तस्वीर या मूर्ति
- गंगाजल
- धूपबत्ती और घी का दीपक
- फल
- रौली या मौली
- फूल व फूलो की माला
- साबुत सुपारी
- विल्बपत्र व केले के पत्ते और आम के पत्ते
- घट (कलश), लौटा
- नारियल, हल्दी की गाँठ, पंचरत्न
- नारियल पर लपेटने के लिए लाल कपडा
- चन्दन व चावल
- सिन्दूर, कपूर, पंच सुगन्ध
- जौ
- जौ बोने के लिए शुद्ध साफ़ की हुई मिट्टी
- जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र
- इत्र
- कलश में रखने के लिए द्रव्य / सिक्के
- पूर्ण पात्र (चावल से भरा पात्र)
- दूध, दही, मधु, चीनी (पंचगव्य)
- आभूषण तथा नैवेद्यादि
- कलश ढकने के लिए ढक्कन
- कलश में भरने के लिए शुद्ध जल तथा गंगाजल
- लकड़ी का पाटा
नवरात्रि घट स्थापना शुभ मुहूर्त – Navratri Ghat Sthapana Shubh Muhurat
नवरात्रि घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त: 7 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 17 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 07 मिनट तक घट स्थापना के लिए 50 मिनट का शुभ मुहूर्त है.
नवरात्रि घट स्थापना विधि – Navratri Ghat Sthapana Vidhi
- नवरात्रि का व्रत रखने वाले महिला और पुरुषो को प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करे और फिर सूर्य भगवान्, तुलसी व् पीपल में पानी चढ़ाये.
- इसके बाद घर के मंदिर की साफ़ सफाई करके लकड़ी का पाटा लगाये और पाटे पर लाल रंग का कपडा बिछाये और उस कपडे पर छोटे-छोटे चावल का ढेर बनाये.
- घर के मंदिर में चारो और केले के पते बाँध देना है और फिर मिटी का पत्र लेना है उसमे साफ़ और शुद्ध मिटी डालकर जौ बौ कर पानी डाल देना है, फिर एक कलश लेना है और कलश में एक रूपया, एक साबुत सुपारी और अक्षत (चावल) डाल दे और कलश पर आम या अशोक के पते रख देने है.
- अब एक नारियल लेना है नारियल के चारो और लाल कपडा लपेट कर मोली बाँध देना है और वह नारियल कलश के उपर रख देना है और उस कलश के भी मोली बांधना है.
- अब मंदिर में पाटे के उपर दुर्गा माता की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करे और विधि विधान व श्रद्धा भाव से पूजा करे.
- अब घी का दीपक जलाकर माता जी के आगे रख देना है और माता जी के तस्वीर पर टीका लगाकर माता जी को फल और फूल चढ़ाये, और माता जी के लिए पूरे 16 श्रृंगार सहित एक जोड़ा रखे.
- जो दीपक आपने माता जी के आगे रखा था उसे पूरे 9 दिनों तक जलाये रखना है और घी डालते रहना है, इसे पल भर के लिए भी बढ़ा (भुजने) न होने दे.
- हर दिन सुबह और शाम को माता जी की आरती गाये और पूजा करे पूरे नौ दिनों के लिए, और फिर नवे दिन माता को चढ़ाये हुए 16 श्रृंगार का जोड़ा किसी ब्राह्मणी को दे देना है.
- नवे दिन सुबह 11 कन्या जिमाऐ और उनके पैर छूकर तिलक करके फल और रूपए देने चाहिए, इसके बाद आपको स्वमं भोजन ग्रहण करना चाहिए.
- नवरात्रि के बाद पूजा के सभी सामग्री का विसर्जन करे.
नवरात्रि कितने प्रकार के होते है?
नवरात्रि चार प्रकार के होते है:- शारदीय मुख्य नवरात्रि, चैत्र मुख्य नवरात्रि, माघ गुप्त नवरात्रि, और आषाढ़ गुप्त नवरात्रि.
Conclusion
आज हमने इस आर्टिकल में Navratri 2021 in Hindi | नवरात्रि मुहूर्त, पूजा विधि, स्थापना सामग्री के बारे में अच्छे से जाने है. जैसे नवरात्रि पूजा कैसे करनी चाहिए, नवरात्रि पूजा की सामग्री में क्या क्या होना चाहिए और बहुत कुछ जाना है, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है तो और भी लोगो के साथ शेयर जरुर करे. धन्यवाद!
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