Narsingh Kavach Hindi | नृसिंह कवच हिंदी: अगर आप किसी मुसीबत में फस गये है और आपको आगे पीछे कोई भी रास्ता ना नज़र आये तो आप नृसिंह कवच का जाप जरुर करे. नृसिंह कवच का जाप करने नृसिंह जी आपको हर मुसीबत से बाहर निकालेंगे.
नृसिंह महाराज आपकी हर समस्या और संकट ख़तम कर देते है, जो व्यक्ति हर रोज नृसिंह कवच का जाप करता है उसे कला जादू, भुत प्रेत, आत्माओ, और हानिकारक आदि चीजों से छुटकारा मिलता है.
Narsingh Kavach – नृसिंह कवच
॥ विनयोग ॥ ॐ अस्य श्रीलक्ष्मीनृसिंह कवच महामंत्रस्य ब्रह्माऋिषः, अनुष्टुप् छन्दः, श्रीनृसिंहोदेवता, ॐ क्षौ बीजम्, ॐ रौं शक्तिः, ॐ ऐं क्लीं कीलकम् मम सर्वरोग, शत्रु, चौर, पन्नग, व्याघ्र, वृश्चिक, भूत-प्रेत, पिशाच, डाकिनी- शाकिनी, यन्त्र मंत्रादि, सर्व विघ्न निवाराणार्थे श्री नृसिहं कवचमहामंत्र जपे विनयोगः।। एक आचमन जल छोड़ दें। ॥ अथ ऋष्यादिन्यास ॥ ॐ ब्रह्माऋषये नमः शिरसि। ॐ अनुष्टुप् छन्दसे नमो मुखे। ॐ श्रीलक्ष्मी नृसिंह देवताये नमो हृदये। ॐ क्षौं बीजाय नमोनाभ्याम्। ॐ शक्तये नमः कटिदेशे। ॐ ऐं क्लीं कीलकाय नमः पादयोः। ॐ श्रीनृसिंह कवचमहामंत्र जपे विनयोगाय नमः सर्वाङ्गे॥ ॥ अथ करन्यास ॥ ॐ क्षौं अगुष्ठाभ्यां नमः। ॐ प्रौं तर्जनीभ्यां नमः। ॐ ह्रौं मध्यमाभयां नमः। ॐ रौं अनामिकाभ्यां नमः। ॐ ब्रौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः। ॐ जौं करतलकर पृष्ठाभ्यां नमः। ॥ अथ हृदयादिन्यास ॥ ॐ क्षौ हृदयाय नमः। ॐ प्रौं शिरसे स्वाहा। ॐ ह्रौं शिखायै वषट्। ॐ रौं कवचाय हुम्। ॐ ब्रौं नेत्रत्रयाय वौषट्। ॐ जौं अस्त्राय फट्। ॥ नृसिंह ध्यान ॥ ॐ सत्यं ज्ञान सुखस्वरूप ममलं क्षीराब्धि मध्ये स्थित्। योगारूढमति प्रसन्नवदनं भूषा सहस्रोज्वलम्। तीक्ष्णं चक्र पीनाक शायकवरान् विभ्राणमर्कच्छवि। छत्रि भूतफणिन्द्रमिन्दुधवलं लक्ष्मी नृसिंह भजे॥ ॥ कवच पाठ ॥ ॐ नमोनृसिंहाय सर्व दुष्ट विनाशनाय सर्वंजन मोहनाय सर्वराज्यवश्यं कुरु कुरु स्वाहा। ॐ नमो नृसिंहाय नृसिंहराजाय नरकेशाय नमो नमस्ते। ॐ नमः कालाय काल द्रष्ट्राय कराल वदनाय च। ॐ उग्राय उग्र वीराय उग्र विकटाय उग्र वज्राय वज्र देहिने रुद्राय रुद्र घोराय भद्राय भद्रकारिणे ॐ ज्रीं ह्रीं नृसिंहाय नमः स्वाहा !! ॐ नमो नृसिंहाय कपिलाय कपिल जटाय अमोघवाचाय सत्यं सत्यं व्रतं महोग्र प्रचण्ड रुपाय। ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं ॐ ह्रुं ह्रुं ह्रुं ॐ क्ष्रां क्ष्रीं क्ष्रौं फट् स्वाहा। ॐ नमो नृसिंहाय कपिल जटाय ममः सर्व रोगान् बन्ध बन्ध, सर्व ग्रहान बन्ध बन्ध, सर्व दोषादीनां बन्ध बन्ध, सर्व वृश्चिकादिनां विषं बन्ध बन्ध, सर्व भूत प्रेत, पिशाच, डाकिनी शाकिनी, यंत्र मंत्रादीन् बन्ध बन्ध, कीलय कीलय चूर्णय चूर्णय, मर्दय मर्दय, ऐं ऐं एहि एहि, मम येये विरोधिन्स्तान् सर्वान् सर्वतो हन हन, दह दह, मथ मथ, पच पच, चक्रेण, गदा, वज्रेण भष्मी कुरु कुरु स्वाहा। ॐ क्लीं श्रीं ह्रीं ह्रीं क्ष्रीं क्ष्रीं क्ष्रौं नृसिंहाय नमः स्वाहा। ॐ आं ह्रीं क्ष्रौं क्रौं ह्रुं फट्। ॐ नमो भगवते सुदर्शन नृसिंहाय मम विजय रुपे कार्ये ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल असाध्यमेनकार्य शीघ्रं साधय साधय एनं सर्व प्रतिबन्धकेभ्यः सर्वतो रक्ष रक्ष हुं फट् स्वाहा। ॐ क्षौं नमो भगवते नृसिंहाय एतद्दोषं प्रचण्ड चक्रेण जहि जहि स्वाहा। ॐ नमो भगवते महानृसिंहाय कराल वदन दंष्ट्राय मम विघ्नान् पच पच स्वाहा। ॐ नमो नृसिंहाय हिरण्यकश्यप वक्षस्थल विदारणाय त्रिभुवन व्यापकाय भूत-प्रेत पिशाच डाकिनी-शाकिनी कालनोन्मूलनाय मम शरीरं स्तम्भोद्भव समस्त दोषान् हन हन, शर शर, चल चल, कम्पय कम्पय, मथ मथ, हुं फट् ठः ठः। ॐ नमो भगवते भो भो सुदर्शन नृसिंह ॐ आं ह्रीं क्रौं क्ष्रौं हुं फट्। ॐ सहस्त्रार मम अंग वर्तमान ममुक रोगं दारय दारय दुरितं हन हन पापं मथ मथ आरोग्यं कुरु कुरु ह्रां ह्रीं ह्रुं ह्रैं ह्रौं ह्रुं ह्रुं फट् मम शत्रु हन हन द्विष द्विष तद पचयं कुरु कुरु मम सर्वार्थं साधय साधय। ॐ नमो भगवते नृसिंहाय ॐ क्ष्रौं क्रौं आं ह्रीं क्लीं श्रीं रां स्फ्रें ब्लुं यं रं लं वं षं स्त्रां हुं फट् स्वाहा। ॐ नमः भगवते नृसिंहाय नमस्तेजस्तेजसे अविराभिर्भव वज्रनख वज्रदंष्ट्र कर्माशयान् रंधय रंधय तमो ग्रस ग्रस ॐ स्वाहा। अभयमभयात्मनि भूयिष्ठाः ॐ क्षौम्। ॐ नमो भगवते तुभ्य पुरुषाय महात्मने हरिंऽद्भुत सिंहाय ब्रह्मणे परमात्मने। ॐ उग्रं उग्रं महाविष्णुं सकलाधारं सर्वतोमुखम्। नृसिंह भीषणं भद्रं मृत्युं मृत्युं नमाम्यहम्।
धन्यवाद!
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Team: HindiGrab.in